भारत को सकारात्मक प्रभाव वाला देश मानते हैं ईरानी
भारत की स्वतंत्र न्यायपालिका का ढाँचा त्रिस्तरीय है, जिसमें सर्वोच्च न्यायालय, जिसके प्रधान प्रधान न्यायाधीश है; २४ उच्च न्यायालय और बहुत सारी निचली अदालतें हैं। सर्वोच्च न्यायालय को अपने मूल न्यायाधिकार (ओरिजिनल ज्युरिडिक्शन), और उच्च न्यायालयों के ऊपर अपीलीय न्यायाधिकार के मामलों, दोनो को देखने का अधिकार है। सर्वोच्च न्यायालय के मूल न्ययाधिकार में मौलिक अधिकारों के हनन के इलावा राज्यों और केंद्र, और दो या दो से अधिक राज्यों के बीच के विवाद आते हैं। सर्वोच्च न्यायालय को राज्य और केंद्रीय कानूनों को असंवैधानिक ठहराने के अधिकार है। भारत में २४ उच्च न्यायालयों के अधिकार get more info और उत्तरदायित्व सर्वोच्च न्यायालय की अपेक्षा सीमित हैं। संविधान ने न्यायपालिका को विस्तृत अधिकार दिये हैं, जिनमें संविधान की अंतिम व्याख्या करने का अधिकार भी सम्मिलित है। राजनीति
सिंधु घाटी सभ्यता के गौरवशाली इतिहास से जुड़े रोचक और महत्वपूर्ण तथ्य
मुग़ल काल के पतन से लेकर भारत की आजादी तक और वर्तमान को आधुनिक भारत की श्रेणी में रखा गया है। बीसवीं शताब्दी के प्रारंभ में अंग्रेजी शासन से स्वतंत्रता प्राप्ति के लिये भारत में संघर्ष प्रारंभ हो गए थे। इस समयकाल ने आंदोलन, क्रांति, विरोध को जन्म दिया।
महाबोधी मंदिर • तवांग मठ • धर्मशाला • सारनाथ • कुशीनगर • सांची • वैशाली
इसके अलावा ईरान में रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण चाबहार पोर्ट के विकास में भारत सहयोग कर रहे है. भारत के लिए भी यह बंदरगाह काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि अफगानिस्तान और मध्य एशिया तक पहुंचने के लिए इससे भारत को सीधा समुद्री मार्ग मिल जाएगा.
भारत-पाक बस सेवा: १९९९ में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने भारत-पाकिस्तान के बीच बस सेवा आरंभ की।
राजस्थान में राजपूत एक बड़ी शक्ति के रूप में उभरे। इसके अलावा मालवा और गुजरात सल्तनत भी प्रमुख थी। दक्षिण मे बहमनी सल्तनत मुस्लिम और विजयनगर साम्राज्य हिंदुओं के साम्राज्य के रूप में उभरे।
तिबेरिया (सन १९१४ में तुर्क साम्राज्य) के पास 'पवित्र युद्ध' के लिए भर्ती अभियान
चाबहार बंदरगाह निभाएगा सबसे महत्वपूर्ण भूमिका
विजयनगर साम्राज्य का उदय: विजयनगर साम्राज्य की स्थापना हरिहर तथा बुक्का नामक दो भाइयों ने की थी। यह उस समय का एकमात्र हिन्दू राज्य था जिस पर अल्लाउदीन खिलजी ने आक्रमण किया था। जिसके बाद हरिहर और बुक्का ने मुस्लिम धर्म अपना लिया।
इस पत्र ने ब्रिटिश राज्य के शोषण का कच्चा चिट्टा खोलते हुए सशस्त्र क्रांति का आव्हान किया था.
भारतीय इतिहास में अशोक ने सुद्रढ़ शासन व्यवस्था को कायम रखने के लिए विशेष प्रयत्न किये. राजकार्य के कुशल संचालन के लिए उपयोगी सूचनाएँ विभिन्न स्त्रोतों से प्राप्त करने हेतु स्थापना की थी साथ ही शिलालेखों की परम्परा ने भी इसे आगे बढ़ाया.
‘मणिपुर आएं पीएम मोदी’, हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा के...